ऑनलाइन कक्षा-सफलता ,चुनौतियाँ और संभावनाएँ

कोविड-19 के कारण प्रदेश में ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही है। शिक्षक कई तरह के सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी संसाधनों का उपयोग कर के ऑनलाइन कक्षाएं संचालित कर रहे है। इन में से कई संसाधन कुछ शिक्षकों के लिए नये  है इस कारण शुरू -शुरू में शिक्षकों को इन संसाधनों के साथ कार्य करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है परन्तु साथ ही साथ शिक्षक की इन पर कार्य करने की दक्षता बढ़ रही है। इस समय शिक्षण अधिगम की प्रक्रिया ऑनलाइन चल रही है इस कारण विद्यार्थी भी सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी कई संसाधनों पर कार्य करने में दक्ष हो रहे हैं।

चुनौतियाँ : ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन में सभी विद्यार्थी एक ही प्रकार की शिक्षण विधि से नहीं सीख पा रहे है और समयाभाव व अन्य कारणों के कारण भिन्न-भिन्न शिक्षण विधियों को  पढ़ना और पाठ सहगामी गतिविधियाँ करवाना कठिन है। नेटवर्क ना होने के कारण बहुत से बच्चें ऑनलाइन कक्षाओं से नहीं जुड़ पाते हैं और जो बच्चे कक्षाओं से जुड़ पाते है कक्षा संचालन के दौरान उनमें से कुछ बच्चें आवाज़ ना आने की शिकायत करते है कुछ बच्चें आवाज़ गूँजने की शिकायत करते है तो कुछ बच्चें स्क्रीन ना देख पाने की शिकायत करते है।

बहुत सारे बच्चे स्मार्ट फ़ोन की उपलब्धता ना होने के कारण कक्षा से नहीं जुड़ पाते है,परन्तु यदि सही समय पर कक्षा को आयोजित किया जिये तो यह समस्या अपेक्षाकृत कम हो सकता  है,कई बच्चों ने ये जानकारी साझा किया की मोबाइल उनके पिता के पास होता है जो खेत पर चले जाते हैं। बच्चों के पिता दोपहर 1 बजे से 3 बजे के मध्य और शाम 5 -6 बजे के बाद घर पर होते हैं, अतः यह उचित समय है जब ऑनलाइन कक्षाओं से जुड़ा जा सकता है।

वर्तमान समय में शिक्षार्थी, शिक्षक और शिक्षा से जुड़े सभी लोगों में आपसी संवाद आवश्यक है जिसे शिक्षक और शिक्षार्थी की वस्तु स्थिति पता चल सके और उसके आधार पर  सीखने सिखाने की रणनीति तैयार की जा सके।

(सुनीता वाधवानी,अंग्रेज़ी शिक्षिका ,संबलपुर धमतरी और अजय पांडे ,विज्ञान शिक्षक, शोभा राम देवांगन धमतरी से बातचीत के आधार पर )

ब्रिज किशोर सिंह 

फ़ील्ड सपोर्ट पर्सन 

छत्तीसगढ़ , CEIAR

 

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